सबसे बड़ी चीज – बादशाह अकबर के दरबार में मंत्रियों के अलावा नवरत्न भी होते थे जो ऐसे नौ लोग थे जो अपने अपने क्षेत्र में निपुण थे जैसे संगीत में निपुण तानसेन थे,अबुल फजल लेखक थे, फैजी दरबारी कवि , राजा मान सिंह योद्धा आदि थे इसी प्रकार बुद्धि और वाक चातुर्य में बीरबल मशहूर थे ।बादशाह हर काम में बीरबल की सलाह लेते जिससे अन्य मंत्री चिढ़ते रहते थे ।
एक बार की बात है, बीरबल दरबार में मौजूद नहीं थे। इसी बात का फायदा उठा कर कुछ मंत्रीगण बीरबल के खिलाफ बादशाह का कान भरने की कोशिश करते थे ।
उनमें से एक कहने लगा, “महाराज! आप केवल बीरबल को ही हर जिम्मेदारी देते हैं और हर काम में उन्हीं की सलाह ली जाती है। इसका मतलब यह है कि आप हमें अयोग्य समझते हैं। मगर, ऐसा नहीं हैं, हम भी बीरबल जितने ही योग्य हैं।”
मंत्रियों ने झिझक कर बादशाह से कहा, बादशाह! हमें आपकी ये शर्त मंजूर है, लेकिन पहले आप सवाल तो पूछिए।”महाराज ने कहा, “दुनिया की सबसे बड़ी चीज क्या है?”यह सवाल सुनकर सभी मंत्रीगण एक दूसरे का मुंह ताकने लगे।
बादशाह ने उनकी ये स्थिति देख कर कहा, “याद रहे कि इस प्रश्न का उत्तर सही होना चाहिए और उत्तर की वजह भी देनी होगी ।इस पर मंत्रीगणों ने बादशाह से इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए सात दिनों की मोहलत मांगी। बादशाह इतना समय देने को राजी हो गए ।
दरबार से बाहर निकलकर सभी मंत्रीगण इस प्रश्न के समाधान ढूंढने में लग गए। किसी ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ भगवान है, तो कोई कहने लगा कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज भूख है। कुछ ने ने दोनों के जवाब को नकार दिया और कहा कि भगवान कोई का कोई आकर नहीं है इसलिए उनके छोटे बड़े का अनुमान नहीं किया जा सकता है । भूख को भी सहन किया जा सकता है इसलिए बादशाह के प्रश्न का उत्तर इन दोनों में से नहीं हो सकता ।
धीरे-धीरे समय बीतता गया और मोहलत में लिए गए सभी दिन भी गुजर गए। फिर भी राजा द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब न मिलने पर सभी मंत्रीगणों को सजा की चिंता सताने लगी । मंत्रियों की अंतिम मंत्रणा हुई, एक मंत्री ने मुश्किल घड़ी में बीरबल को याद करने की सलाह दी । पहले तो सभी ने इंकार किया फिर कोई अन्य उपाय न मिलने पर सभी ने बीरबल के पास इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए जाने का फैसला किया ।
जब वे बीरबल के पास पहुंचे और उन्हें अपनी पूरी बात बताई। बीरबल को पता चल गया कि बादशाह ने ऐसा किसलिए किया है । उन्होंने बाकी मंत्रियों से कहा, “मैं सबकी सजा बचा सकता हूं, लेकिन आपको वही करना होगा जैसा मैं कहूं।” सभी को बीरबल की बात पर राजी होना पड़ा ।
अगले ही दिन बीरबल ने एक पालकी का इंतजाम करवाया। उन्होंने चार मंत्रियों को पालकी उठाने का काम दिया, पांचवे से अपना हुक्का पकड़वाया और किसी से अपने जूते उठवाये,अन्य सभी को बादशाह के लिए पकवान और फलों की टोकरियां व थाल दे दिए । वह खुद पालकी में बैठ गए फिर उन सभी को बादशाह के महल की ओर चलने का हुक्म दिया।
जब सभी बीरबल को लेकर दरबार में पहुंचे, तो बादशाह इस दृश्य को देख कर आश्चर्यचकित हो गए। बादशाह मंत्रियों और बीरबल को साथ देखकर हैरान रह गए ।
मंत्रियों ने कहा ” जहांपनाह सबसे बड़ा क्या है ? हमारी ओर से बीरबल इस प्रश्न का उत्तर देंगे । बादशाह ने इजाजत दे दी । बीरबल बादशाह से बोले, “ जहांपनाह! संसार की सबसे बड़ी चीज ‘गरज’ होती है। अपनी गरज के कारण ही ये सभी मंत्रीगण मेरी पालकी को उठा कर यहां तक ले आए ।”
यह सुन बादशाह हंसे बिना न रह सके और सभी मंत्रीगण शरम के मारे सिर झुकाए खड़े रहे।
कहानी से सीख –इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की योग्यता से जलना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर खुद को भी बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।