एक आदमी और तीन अलग अलग बोली एक ऐसी कहानी है जो बीरबल की बुद्धि का लोहा मानने को मजबूर करती है ।बादशाह अकबर और बीरबल दरबारी कामकाज का समय ज्यादातर साथ ही बिताते थे । अकबर बीरबल को अलग अलग प्रश्न पूछते और उनकी बुद्धि की परीक्षा लेते और बीरबल अपने उत्तर से हर बार उन्हें संतुष्ट करते थे ।
एक बार अकबर और बीरबल अपने दरबार में बैठे विचार विमर्श कर रहे थे तो अकबर ने पूछा बीरबल क्या तुम किसी एक आदमी के बारे में बता सकते हो जो तीन अलग अलग बोली बोल सकता हो । बीरबल ने कहा जहांपनाह आप मुझे किसी भी आदमी से मिलवा दीजिए मुझे पता है कि कब वह तोते की बोली बोलेगा,अब वह शेर की बोली बोलेगा और जब मैं चाहूंगा तो वह गधे की बोली भी बोलने में देर न लगाएगा ।
बादशाह उनकी यह बात सुन हैरत में पड़ गए बोले “जिस आदमी को मैं बतावूंगा उससे ही तुम तीन अलग अलग बोली निकलवा दोगे यह तो असंभव है बीरबल” इस बार बीरबल बोले महाराज मेरी एक शर्त है कि मैं आपको यह प्रयोग दिखा तो दूंगा पर आपको भी यह भरोसा देना होगा कि आप उस आदमी को कोई सजा नहीं देंगे,क्योंकि वो जो भी करेगा वह हम दोनों की मर्जी से कर रहा होगा । बादशाह ने इस बात में हामी भर दी लेकिन इस बार उन्होंने बीरबल को गलत साबित करने की ठानी ।
अगले दिन बादशाह अकबर के महल में उनका शाही हज्जाम उनकी दाढ़ी और बाल बनाने आया । हज्जाम बहुत ही सीधा और सरल दिखाई पड़ता था,वह जितना पूछते उतना ही जवाब देता था और शर्मीला था । राजा ने सोचा यह नीरस आदमी को बीरबल को सौंपता हूं और देखता हूं कि कैसे वह इससे तीन अलग अलग बोली बुलवाता है ?
बादशाह ने तुरंत बीरबल को बुलावा भेजा ।अगले दिन बीरबल राजा से मिलने दरबार में पहुंचे और बीरबल को इशारे से बता कर हज्जाम से तीन अलग अलग बोली निकलवाने का हुक्म दिया । बीरबल बड़ा चतुर था । उसने हज्जाम को अपने बाल बनाने के लिए बुलाया,उससे खूब बातें की और हज्जाम भी इतने बड़े मंत्री से बात करके खुश हुआ । बीरबल ने काम खत्म होने पर उसे मेहनताना और खाना दिया और थोड़ी मात्रा में शराब पिला दी ।
हल्के नशे की हालत में बीरबल ने हज्जाम को कहा कि अब उसे बादशाह के सामने पेश किया जाएगा । हज्जाम को लगा कि उसे दारू पी कर आया जान कर बादशाह उसे सजा दे सकता है इसलिए वह गिड़गिड़ाने लगा और बीरबल से ऐसा न करने की विनती करने लगा । बादशाह को बीरबल ने यह दृश्य दिखा कर बोले “तीन अलग अलग बोली में यह अभी यह जो सजा के डर से बोल रहा है वह तोते की बोली है।
उसके बाद बीरबल ने वहीं, हज्जाम को एक और शराब की बोतल पिला दी। अब वह पूरी तरह नशे में था। पूरी तरह नशे में आने के बाद हज्जाम बोला “बादशाह, नगर के बादशाह हैं, मैं भी अपने घर का बादशाह हूँ। मै यहाँ किसी से नहीं डरता हूँ और कर दीजिए मुझे उनके सामने हाजिर मैं अब तैयार हूं ।
बीरबल हंस कर बोले कि “हुज़ूर,तीन अलग अलग बोली में अब शराब के नशे में निडर होकर यह जो बोल रहा है यह शेर की बोली है।”
अब फिर से बीरबल ने बातें करते करते उस हज्जाम को एक बोतल और शराब और पिला दी। इतनी शराब पीने के बाद वह आदमी लड़खड़ाते हुए ज़मीन पर गिर गया और हाथ–पाँव हवा में लहराते हुए, मुंह से ऊल-जूलूल आवाज़ें निकालने लगा। अब बीरबल बोले हुज़ूर तीन अलग अलग बोली में अब यह जो बोल रहा है वह गधे की बोली है।
अकबर पूरा मामला अपने सामने हुए पूरे दृश्य को देख खूब खुश हुए और बीरबल की हाज़िर जवाबी से प्रसन्न हुए, और मनोरंजन के साथ उदाहरण पेश करने के लिए उन्होने बीरबल को इनाम दिया। हज्जाम अपने किए पर शर्मिंदा हुआ लेकिन बीरबल और बादशाह ने उसे भी ईनाम से नवाजा ।