Unseen helper is the story of the Austin who came to live in a newly purchased house with his family. He had bought the house from a person living abroad where his old parents used to live, after their passing this house was no longer of any use to him. The new house had 3 rooms and a basement.
One evening, as the family sat down to eat, they heard the faint sound of a piano playing in the basement. None of them played the piano, and there were no musical instruments in the house. Austin went downstairs following the sound but found that the basement was empty and quiet and the piano was untouched. Austin got a little scared but then assumed the illusion and went back upstairs. Everything became normal for a few days.
one day the children woke up hearing strange whispering sounds coming from the basement. They ran downstairs, their hearts beating fast, but now the voices were coming from the room above. As they re-entered the room, the whispers subsided, leaving them surprised and frightened. Now Austin started worrying, he advised the children to be cautious.One rainy evening, Austin’s wife was sorting old books in the basement. Suddenly s⁷he heard the sound of a woman crying softly. She searched in the room a lot but did not find anyone. The crying continued, and it seemed as if the sound was coming from that chair; when she touched the chair, the sobbing stopped, leaving her shaken and stunned. These disturbing events eclipsed the happiness of the family’s life at home. They wonder if the spirits of those old parents still continue to take care of their beloved home. The family began to fear, but there was a brave soul among them, Austin himself.
Austin decided to face the mysterious events head on. He started spending his time in the basement, cleaning and repairing it.Now There is a good energy at that place. One of his jackets got damaged and he brought it to be repaired and started repairing it in the basement itself. There his attention fell on an old table whose drawers were closed and there was no key. Surprised and curious, he continued his work. Hours were spent working on the jacket with great determination. The night grew darker and the room began to feel cold. Leaving the work incomplete, he went upstairs and slept. When Austin woke up in the morning, he found the drawers open, keys and jacket fixed on the table. Overwhelmed and astonished, he thanked the invisible presence that had helped him.
He felt a comforting presence in the room, and for the first time, he felt that the spirit was not harmful, but protective and helpful.The family began to see the house in a new way. They realized that the spirit was watching over them, taking care and protecting them. The terrible incidents stopped and warmth and happiness once again reigned in the old house. The house, which was once shrouded in mystery and fear, turned into a place of comfort and happiness.
हैलोवीन कहानी – अनदेखा मददगार
अजय अपने परिवार के साथ नए खरीदे घर में रहने आया । घर इसने किसी विदेश में रहने वाले व्यक्ति से खरीदा था जहां पहले उसके बूढ़े माता पिता रहते थे,उनके गुजरने के बाद यह घर उसके किसी काम का नहीं रह गया था । नए घर में 3 कमरे और एक तहखाना था ।
एक शाम, जब परिवार खाने के लिए बैठा, तो उन्होंने तहखाने में पियानो बजने की धीमी आवाज़ सुनी। हैलोवीन कहानी – अनदेखा मददगारउनमें से कोई भी पियानो नहीं बजाता था, और घर में कोई संगीत वाद्ययंत्र नहीं था। अजय आवाज का पीछा करते हुए नीचे गया लेकिन उन्होंने पाया कि बेसमेंट खाली और शांत है और पियानो को छुआ तक नहीं गया है। अजय थोड़ा डरा लेकिन फिर वहम मान कर वापस ऊपर चला गया ।
सब कुछ दिन सब कुछ सामान्य हो गया फिर एक दिन बच्चे तहखाने से अजीब फुसफुसाहट की आवाजें सुनकर जाग गए। वे नीचे की ओर भागे, उनके दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं, लेकिन अब आवाजें उपर के कमरे से आ रही थीं जैसे ही वे फिर से कमरे में दाखिल हुए, फुसफुसाहटें कम हो गईं, जिससे वे आश्चर्यचकित और भयभीत हो गए। अब अजय को चिंता होने लगी,उसने बच्चों को सतर्क रहने की सलाह दी ।
एक बरसात की शाम, अजय की पत्नी तहखाने में पुरानी किताबें छाँट रही थी। अचानक उसे एक औरत के धीरे-धीरे रोने की आवाज़ सुनाई दी। उसने कमरे में काफी खोजबीन की लेकिन कोई नहीं मिला। रोना जारी रहा, और ऐसा लग रहा था कि यह आवाज़ उस कुर्सी से आ रही थी, उसने कुर्सी को छुआ, तो सिसकियाँ बंद हो गईं, जिससे वह हिल गई और हतप्रभ रह गई।
इन परेशान करने वाली घटनाओं ने घर में परिवार के जीवन पर खुशियों पर ग्रहण लगा दिया। वे आश्चर्यचकित होकर सोचने कि क्या उन बूढ़े माता पिता की आत्मा अभी भी अपने प्रिय घर की देखभाल करती रहती है। परिवार को डर सताने लगा, लेकिन उनके बीच एक बहादुर आत्मा थी खुद अजय ।अजय ने रहस्यमय घटनाओं का डटकर मुकाबला करने का फैसला किया। वह तहखाने में अपना समय बिताने लगा , उसकी साफ सफाई और मरम्मत की ।
उस जगह अच्छी ऊर्जा का संचार हुआ । उसकी एक जैकेट खराब हो गई जिसे वह ठीक करने के लिए लाया और तहखाने में ही उसे सही करने लगा । वहां उसका ध्यान पुरानी टेबल पर पड़ा जिसकी दराजें बंद थी और चाबी भी नहीं थी । हैरान और उत्सुक होकर उसने अपना काम जारी रखा। बड़े दृढ़ संकल्प के साथ जैकेट पर काम करते-करते घंटों बीत गए। रात गहराती गई और कमरा ठंडा महसूस होने लगा। काम अधूरा छोड़ कर वह उपर जाकर सो गया ।
अजय सुबह उठ कर आया तो उसे दराजें खुली मिली,टेबल पर चाबी और जैकेट ठीक हुई मिली । अभिभूत और हैरान होकर, उसने उस अदृश्य उपस्थिति को धन्यवाद दिया जिसने उसकी सहायता की थी। उसे कमरे में एक आरामदायक उपस्थिति महसूस हुई, और पहली बार, उसने महसूस किया कि आत्मा नुकसान पहुंचाने वाली नहीं, बल्कि सुरक्षात्मक और मददगार थी।
परिवार ने घर को एक नई रोशनी में देखना शुरू कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि आत्मा उन पर नज़र रख रही थी,उनकी देखभाल और सुरक्षा हो कर रही थी । भयानक घटनाएँ बंद हो गईं और पुराने घर में गर्मजोशी और खुशहाली फिर से छा गई।वह घर, जो कभी रहस्य और भय में डूबा हुआ था, आराम और खुशी की जगह में बदल गया ।