पालक चोर खरगोश एक प्यारी कहानी है जिसमें यह बताया कि हमें जीवन में प्यार और दया को महत्व देना चाहिए । केशव को क्लास में पीछे बैठ कर बोर्ड पर देखने में परेशानी हो रही थी पर आगे आकर देखने में सब कुछ ठीक था । उसने अपनी टीचर को यह बात बताई और क्लास में आगे बैठने लगा ।
अगले दिन Smarty केशव अपने पिता के साथ डॉक्टर से मिलने गया। डॉक्टर ने बच्चे की आंखों की अच्छी तरह से जांच की । डॉक्टर ने उसे एक चश्मा लगाने को कहा और आंखों की कुछ कसरत बताई और बताया कि यदि वह अच्छा खान पान रखे तो अभी तक कुछ नहीं बिगड़ा,आंख सही भी हो सकती है । डॉक्टर ने उसे पालक और गाजर खाने को कहा।
स्मार्टी के कमरे की खिड़की उसके बगीचे में खुलती थी जहां खाली जगह पड़ी थी,उसके पापा ने बगीचे में सफाई करवा कर क्यारियां बनाई और गाजर और पालक के बीज बोए । कुछ दिन बाद क्यारियां हरी हो गई ।
स्मार्टी भी घर के उगाए गाजर और पालक खाने को बहुत उत्साहित था । सबसे पहले कुछ हरे पत्ते जो कि बिलकुल नाखून के आकार के थे , जमीन से बाहर निकले । पिताजी ने उनको एक पतली जाली से ढक दिया ताकि चिड़िया उसे खा न लें । कुछ दिन बाद पत्ते थोड़े और बड़े हो गए । Smarty अब रोज पौधों को पानी देता और खाद भी डालता । इसी तरह एक दिन जब वह क्यारियों में पानी देने गया तभी उसे वहां कुछ छोटे पालक के पत्ते बिखरे दिखाई दिए, “अरे पालक को कौन कुतर गया” केशू ने आश्चर्य से कहा । आगे देखा तो वहां बगीचे में एक छोटा बिल भी देखा । स्मार्टी कमरे में गया और चुपके से खिड़की से बगीचे में देखा तो उसे एक छोटा खरगोश उस बिल से निकालता दिखाई दिया ।
स्मार्टी उसे देखकर गुस्से से उछल गया और बोला “ओह तो ये पालक चोर अभी पालक खा रहा है और कुछ दिन बाद मेरी होने वाली गाजर भी खा जाएगा “। वह उसी समय बाजार गया वहां से एक खरगोश पकड़ने का पिंजरा ले आया । रात को पिंजरे को बगीचे में रखा और उसमें ताजी गाजर भी रखी ताकि खरगोश पिंजरे में आकर फसे । पिंजरे का दरवाजा जल्दी बंद होता था और बहुत तेज आवाज करता था । पिंजरा खिड़की के पास बगीचे में लगा कर वह सो गया । उसी रात एक चोर की नजर स्मार्टी के घर पर पड़ी और उन्होंने देर रात घर में घुसने का सोचा ।
आधी रात को चोर चुपचाप घर में चोरी के लिए घुसा, उसने चोरी के लिए बहुत सामान बटोर कर साथ ले जाने को इकट्ठा कर लिया,इतने में ही छोटा खरगोश पिंजरे में आ फसा और इतनी तेज आवाज हुई कि चोर डर गया । उसे लगा कि घर का मालिक जाग गया । वह सारा सामान छोड़ भागने लगा और गमले और अन्य सामान से टकराया और घर में भी तेज आवजें हुई । घर से सारे लोग भी उठ गए । चोर को बिना सामान ही भागना पड़ा। घर का सामान एक जगह इकट्ठा देखकर उन्हें समझ आ गया था कि चोर ने घर में सेंध लगाई थी । केशू के पिता ने कहा मैं पिंजरे की आवाज से जागा मगर चोर भी घर में होंगे सोचा नहीं था ।
परिवार के सभी लोग पिंजरे में फसे पालक चोर खरगोश को घर लेकर आए जिसके कारण असली चोरी होने से बच गई । अब वह खरगोश सभी को प्यारा लगने लगा । उस दिन से केशू के साथ साथ पालक और गाजर की दो क्यारियां खरगोश के लिए भी लगाई गई और पालक चोर अब चोर नहीं बल्कि घर का नया सदस्य बन गया । सभी उसके साथ खुशी से रहने लगे ।