अकबर के दरबार में सबसे बुद्धिमान बीरबल था लेकिन दरबार में बहुत से लोगों को यह बात नागवार थी । बीरबल हर प्रकार की समस्या को चुटकी में हल कर लेता था और यही कारण था कि वह बादशाह अकबर का चहेता था । एक बार बादशाह अकबर की एक बेगम ने अपने भाई जफर को भी बीरबल सरीखी जिम्मेवारी देने का आग्रह किया । अकबर ने रानी को आश्वासन दिया लेकिन रानी अड़ी रही क्योंकि इससे पहले भी राजा इस मुद्दे पर उसकी बात को टाल गए थे। इस बार बेगम ने ठानी हुई थी कि वो इस अपने भाई को जिम्मेवारी दिलवा कर ही रहेगी । बादशाह ने बेगम को समझाया कि उसका साला अभी इस लायक नहीं हुआ फिर भी बेगम को नाराज करने के मूड में नहीं थे । बादशाह ने कहा कि वह साले को भी मंत्री बनाने को तैयार है लेकिन पहले उसे एक परीक्षा में पास होना होगा । बेगम भी इस बात के लिए तैयार हो गई ।
अगले दिन बादशाह ने अपने साले को बुलावा भेजा । साला बादशाह के सामने हाजिर हुआ ,बेगम भी वहीं थी और बड़ी खुश थी । बादशाह ने साले से कहा कि सुना है किले के बाहर एक कुतिया ने कुछ बच्चों को जन्म दिया है उसके बारे में जानकारी लेकर आवो । साले ने मन ही मन सोचा कि बादशाह ने उसे इतना सरल काम दिया है और किले के बाहर चला गया । वापिस आकर बोला “हां जहांपनाह कुतिया ने बच्चों को जन्म दिया है ।” बादशाह ने पूछा “अच्छा बताओ कौन कौन से रंग के हैं ?” अब वह सिर्फ जानकारी लाया था और एक दो पिल्लों को वहां खेलते ही देखा । आगे गया ही नहीं तो उसे यह नहीं पता था । वह वापिस किले के दरवाजे तक गया और वापिस आ कर बोला, दो काले दो सफ़ेद और एक भूरा है । अब बादशाह ने पूछा “कितने नर है कितनी मादा है ।” जहांपनाहजफर ने सिर्फ ऊपर से रंग ही देखा था । वह फिर से गया और पता कर आया कि 3 नर 2 मादा है । बेगम यह सब देख रही थी ।
इसके बाद उसने बीरबल को बुलाया । उसे भी यही काम दिया । ” किले के बाहर एक कुतिया ने कुछ बच्चों को जन्म दिया है उसके बारे में जानकारी लेकर आवो” । बीरबल कुछ समय बाद लौटे और “बोले सही जानकारी है जहांपनाह ।” बादशाह ने बीरबल से अगला प्रश्न किया, कौन कौन से रंग के बच्चे हैं ? बीरबल ने तपाक से उत्तर दिया “दो सफेद,दो काले और एक भूरे रंग का है जहांपनाह ।” अंतिम प्रश्न बादशाह ने पूछा “कितने नर और कितनी मादा है ?” जवाब में बीरबल ने वहीं खड़े खड़े उत्तर दिया “3 नर और 2 मादा है ।” बेगम ने देखा कि जिस बात के लिए उसके भाई के लिए हर बार किले के दरवाजे पर जाना पड़ा, बीरबल वही जानकारी एक ही बार में जुटा लाया था ।
उसे अब समझ आ गया की बादशाह क्यों बीरबल को इतना सम्मान देते हैं,वह भी बीरबल की बुद्धि की प्रशंसक हो गई और फिर कभी बादशाह को अपने भाई की सिफारिश नहीं की । इस प्रकार बादशाह भी अपनी चतुराई से बेगम की नाराजगी से बच गए,उन्होंने फिर से खुश होकर बीरबल को इनाम भी दिया ।